एक अकेली महिला आत्म-आनंद में लिप्त होती है, अपनी उंगलियों को अपने भीगते हुए सिलवटों में डालती है, बेहिचक उत्साह के साथ अपने गीलेपन की खोज करती है। आत्म-प्रेम की यह अंतरंग क्रिया महिला आनंद की सुंदरता और आत्म-संतुष्टि की शक्ति का एक वसीयतनामा है।.
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